श्रेणी: प्यार और इज़हार

~”प्यार का एहसास” 

“रजनी ” दिलो जान से तुम्हें प्यार करती है। 

न चाहकर भी जब नाराज होती हूँ, तुम्हें नाराज करती  हूँ। 

उस पल मैं कैसे जीती हूँ दिल ही जानता है। 

काश इस “एहसास” को दिलवर समझ पाते। 

दिलवर ने जब इस एहसास को समझा। 

तो दिल में हजारों रंग सज गए। 

दो दिल एक जान हुए तो, दुनिया  की हर खुशी मिल गयी। 

जब एक दूसरे के सुख-दुख को समझा। 

एक नया प्यार का  एहसास “हो गया। 

तो मूझे लगा प्यार का” पारस”मिल गया। 

:रजनी 

~प्यार के दर्द की दवा क्या?  

~प्यार के दर्द की दवा क्या?  

 प्यार के दर्द की दवा प्यार है, एहसास है।
जिस दिन मेरे दर्द का एहसास होगा।

उस दिन तेरे प्यार में नमीआ जाएगा। 

जिससे तू मेरे जख्मों पर मरह दे जाएगा। 

और तेरे प्यार में गहराई आ जाएगा। 

जिस दिन तेरे प्यार में गहराई आ जाएगा। 

तू मेरा प्यार समझ जाएगा। 

प्यार लुटाने का नाम है, लुटने का नहीं। 

काश वो दिन आ जाए, जब तेरे दिल में 

मेरे प्यार की समझ आ जाए। 

तेरे प्यार की समझ ही, मेरे दर्द का मरहम है। 


                         रजनी 



~प्यार का तोहफा ~

क्या भेंट करु तुझको प्रियवर, जग में कोई वस्तु अनमोल नहीं।

भाव-विचार के फूलों से ही, माला गूँथ भेंट करु प्रियवर। 

पहचान सको तो पहचान करो, वर्ना टूटी फूटी कड़ियाँ  हैं प्रियवर। 
जगत में चाँद-तारे जब तक चमकते रहें, 

रात के मन के देवता भी चमकते रहें। 

इस देवता को जिसने हैं निर्मित किया,

रात को प्यार-आशीश उसमें मिलता रहे।

माँ के आँचल में है जितने फूल खीले, 

रह सलामत वो खुशबु बिखरते रहे। 

माँ के आँगन से एक फूल मुझको मिला, 

सौ जन्मो तक वो फूल रात को मिलता रहे। 

माँ के आँचल का एक फूल रातरानी का है, 

जो रात में ही खिले, और रात को ही खुशबु फैलाता रहे। 

इसी से तो उस फूल का नाता रात से आ जुड़ा।  

ताकी रात का साथ हो तो दिन में भी, 

तेरे आँगन की बगिया महकती रहे। 

रात को है खुशी आज के दिन ही वो पौधा लगा, 

एक दिन जिसके डाली पर मुझको भी खिलना है। 

माँ की ममता के आँचल में खिलकर गिरना ही है, 

पिता के करुणा के सागर में गोता लगाना ही है। 

अपने भाई से बहना को प्यार मिलता रहे,

तो आपके कुल के नियमों के आगे मैं झुकती रहुँगी। 

नियमों और बड़ो के आज्ञा के आगे झुकी हूँ झूकूगीं और झुकती  रहुँगी। 

आप के कुल के यश और कीर्ति को आगे बढ़ाती रहुँगी। 
          :रजनी सिंह