आज के दिन फूलो सा मुस्कराओं, चिड़ियों सा चहचहाओ।
सूरज की किरणों सा चमचमाओं, सागर की गहराइयों में जाकर गोता लगा खुशियों को अपनाओं।
आकाश की ऊंचाईयों सा सफल हो उन्मुक्त गगन में विचरण कर खुशियाँ पाओ।
नजर न लगे तुम्हारी खुशियों को तेरी ये दी तेरी नजर उतारती है कि तू मुक्मबल जहाँ को पा जाओ और पूरी दुनिया में छा जाओ।
इस हार्दिक इच्छा के साथ जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
रजनी अजीत सिंह 12.6.2019
महीना: जून 2019
पर्यावरण दिवस
🌴🌳🌲पर्यावरण दिवस समारोह 🌳🌴
सौजन्य से – जनमुख रिपोर्टर अंशुमान राय।
प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति ही सुन्दरता की जननी इसका छटा निराली है।
हरी भरी धरती की सुंदरता मन को बहुत लुभाती है।
पर मानव ने काट वनो को अपनी जननी की सुंदरता छीनी है।
यदि बढ़ानी जननी की सुंदरता हरियाली लानी होगी।
हरे भरे पेड़ों को कटने से बचाने के
खातिर चिपको आंदोलन करनी होगी।
वृक्ष लगाकर हर मानव को प्रकृति की सुंदरता लानी होगी।
जब होगा शुद्ध वायु तो सुंदरता बढ़ जाएगी।
मानव सुंदर, जंगल सुंदर, धरती सुंदर जब होगी,
तब हमारी प्रकृति की जननी की सुंदरता निराली होगी।
रजनी अजीत सिंह 5.6.18
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बस मिला कीजिए
न बाते बडी़ कीजिए, न स्वागत छप्पन व्यंजनों के भरे थालों से कीजिए।
चार दिन की जिंदगी है बस प्यार से मिल लिया कीजिए।
तेरे आने से हम परेशान होंगे न ऐसा सोचा कीजिए।
और न मेरे आने पर छप्पन भोग की तलाश में हैरान हो घर में होकर भी न होने का संदेश भेजवाया कीजिए।
कोई लाख सताये जाने या अनजाने में बस हँसकर खुशी से मिलने की अदा निभाया कीजिए।
रुठे अगर हम तो साथ दे सबको समझाकर मना लिया कीजिए।
न झूठा वादा कर हर दिन हम सबको न भूल जाया कीजिए।
यदि वादा किया है तो कुछ फुरसत के पल निकालकर हम सबसे मिलने की दुंआ कर तक्लुफ उठाया कीजिए।
रजनी अजीत सिंह 3.6.2019
#वादा
दोस्त और दोस्ती
जिदंगी में चाहे उलझने जितनी हो,
दोस्तों के साथ बैठकर हर उलझन सुलझाई जाती है।
समय चाहे अपने पास कम जितना हो,
पर बैठ जिगरी दोस्त के साथ हर खुशी लुटाई जाती है।
रजनी अजीत सिंह 3.6.2019
शुभ रात्रि
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