महीना: जनवरी 2019

श्रद्धांजलि बाबा को

अपने शब्दों से निर्मित कर छोटी सी कविता से दूं आपको श्रद्धांजलि।
मिले आपके आत्मा को शांति यही है प्रार्थना।
आत्मा के नये सफर में सुगम पथ हो आपका।
न फूल न फल न रोली न चंदन,
करुं आपका अभिनंदन कुछ शब्दों के वन्दन से।
प्राण एक संगीत है, जीवन सृष्टि संचालन का गीत।
यही सच है कल तक साथ रहा था आपका, अब बस आशिर्वाद रहेगा आपका साथ।
सर्वहित में सरल सुगम पथ हो आपका।
आत्मा न अच्छे बुरे किये कर्मों से कभी हो भयभीत।
प्राण एक संगीत है, जीवन सृष्टि संचालन का गीत।
अश्रु सूखे खुशियाँ बिखरे कुटुंब में यही हो सेवा का प्रतिफल।
अमर कहाँ है कोई जग में नश्वर है शरीर, शब्दों की दृढ़ता से पूर्वजों में सम्लित हुआ आपका नाम।
नाम से अब आपके हम, अपने वंशजों से गाथा कहेंगे।
जो समय की मांग है आपके आशिर्वाद से वंश बढ़ाने वाले का हो आगमन।
आत्मा की नवीनता में स्वर्ग में हो वास।
जीवन सृष्टि संचालन का गीत है, प्राण एक संगीत है।
😭रजनी अजीत सिंह 11.1.2019😭

वृद्धा अवस्था का सफर

जिंदगी में कभी गुरुर न करना जवानी के बाद वृद्धा अवस्था आना है ये सच है।
चार बच्चे पालना आसान है पर चाहकर भी वृद्धा अवस्था की आन्तरिक व्यथाओं को समझना मुश्किल है।
किसी ने सच कहा है लड़कपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया बुढ़ापा देखकर रोया।
पर मेरे अनुभव ने आज ये एहसास किया बुढ़ापा ओ अवस्था है जिस अवस्था में कष्ट में रोने का भी भान नहीं होता है।
रजनी अजीत सिंह 10.1.2019