चमकेंगे हम ऐसे इस साल में, चमकते हैं जैसे सितारे आसमान में। लिखना हमें है स्वदेश को अपने कहानी में, देश को बचाना है अपने आग की लपटों से खून के धब्बों से। देखो नया साल आ गया कुछ संकल्प ले,कर गुजरने को। जिंदगी में कुछ अँधेरा कुछ उजाला यह नियति का खेल है। मिलतीं रहे खुशियाँ सबको हर हाल में, दो चार बोल प्यार का सबसे मिलता रहे नये साल में। खुशियों के उजालों को लिखूँ मैं शब्दों से, जैसे जिंदगी के झरोखे से झाँक रहे खुशियों के पल हों।

शुभकामनाएं अपार हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि आने वाले नये साल में पहली पुस्तक कविता संग्रह “जिंदगी के एहसास” और दूसरी पुस्तक “शब्दों का सफर” के बाद कोशिश है नये साल पर थर्ड फरवरी तक ये किताब पब्लिश हो जायेगी। आपलोगों के शुभकामनाओं की आकांक्षी आपकी अपनी कवयित्री रजनी अजीत सिंह


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