
जिंदगी हमें कितना रंग दिखाती है।
जैसे होली सब रंगों को लेकर आती है।
कहीं सरसों के फूल बसंत ऋतु की खूबसूरती लेकर आती है।
तो कहीं खेतों में गेहूं की बालियां हम को लुभाती है।
प्रकृति की छटा भी कितनी निराली लगती है।
हर रंग के फूल हमें होली के रंगों सी लगती है।
कहीं फगुनहटा ब्यार तो कहीं होली के गीत भी हमारे मन को भाती है।

होलिका दहन भी बुराई पर अच्छाई की जीत दिलाती है।
होली विभिन्न पकवानों के साथ ढ़ेर सारी खुशियाँ लेकर आती है।
क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान सब टोली में मिल आपस में खुशियां मनाते है।
हर रंग हमें अलग अलग महत्व लिए अपने अर्थो से जिंदगी के रंग से अवगत कराती है।
1.लाल रंग प्यार का रंग है। ये रंग हमें प्यार करना सीखाती है। इस लिए लोग प्यार में लाल गुलाब देना पंसद करते हैं।
ऐसा माना जाता है की मां दुर्गा लाल रंग की ओढ़ चुन्नी जग में उपकार करती है।
2.पीला रंग दोस्ती के लिए खास रंग है। इसलिए दोस्ती में लोग पीला गुलाब देना पंसद करते हैं।
और ऐसा माना जाता है मां शीतला पीला चुनरी पहनती है तो जग में कल्याण करती हैं।
3.गुलबी रंग जिसे रानियों का कलर कहा गया है।
और जब माँ लक्ष्मी गुलाबी चुन्नी पहनती हैं तो लक्ष्मी का रूप धारण कर धन दान करती हैं।
4.श्वेत अर्थात सफेद ये रंग अपने आप में पवित्रता को लिए हुए है। ये रंग अपना अस्तित्व छोड़कर किसी भी रंग में रंग जाता है। अर्थात इस रंग को प्यार से चाहे जिस रंग में रंग लो। जैसे हमारे तिरंगे में इस रंग को शांति, सत्य और पवित्रता का चिन्ह माना गया है।
जब माँ श्वेत चुनरीओढ़ सरस्वती का रूप धारण करतीं हैं तो जगत में ज्ञान बांटती है अर्थात विद्या दान करती हैं।
5.हरा रंग प्रकृति को दर्शाने वाला रंग है। जिसे देख मन अपने आप में प्रसन्न और प्रफुल्लित हो जाता है।
इस हरे रंग को तिरंगे में श्रद्धा, विश्वास और देश की हरियाली और समवृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
6.केसरिया अर्थात आरेंज रंग वीरता और त्याग का सूचक है। और कल की जीत से जनता मोदीमय अर्थात हमारा मन केसरिया मय हो गया है।
7.काला रंग हम हिन्दुओं में किसी भी शुभ कार्य में वर्जित है। वहीं मुस्लिम धर्म के लोग शुभ मानते हैं। काला रंग कलंक लगने के अर्थ में भी किया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ यही काला रंग आँखों में लग खूबसूरती भी प्रदान करता है और काला टीका लगाकर बुरी नजर से भी बचाया जाता है।
जब काली माँ संघार करने चलती हैं तो काला चुनरी अर्थात काला वस्त्र धारण कर दुष्टों का रक्त पान करती हैं।

जब सातों रंग साथ हो तो इसे इन्द्रधनुष कहते हैं।
जब माँ सातों रंग की चुनरी धारण करती हैं तो इनकी माया कोई नहीं समझ पाता है अर्थात इनकी माया इनकी सात बहनें भी नहीं समझ पाती हैं। और जब इनकी कृपा हो जाय तो अज्ञानी एक पल में ज्ञानी बन जाता है।
जब लिख रही थी तो लगा क्यों न हम इन रंगों के अस्तित्व को अपनाकर होली के रंगों के साथ खुशियां मनाएँ।
होली के रंगों के साथ सभी बड़े और छोटे को होली मुबारक हो।
होली के शुभ रंगों के साथ आपलोगों की
रजनी सिंह
25.353110
82.967798
You must be logged in to post a comment.