आज थोड़ा मन परेशान और थोड़ा सा विचलित भी है ऐसा लगता है जैसे कुछ छूट रहा हो या मुझसे जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति या इंसान परेशानी में हो मुझे ऐसा फिल हो रहा है अर्थात अभास हो रहा है मातरानी जाने अनजाने मुझसे जुड़े हर प्राणी को सकुशल रखे। मैं माता रानी का एक गीत लिखती हूँ शायद मन धीर धरे या सुकून मिले।
जबहि मंदिर वा के खुलेला केंवाड़ हो मंदिर वा में देवी जी के होला जय-जयकार। – 2
जब मईया पहिरेली पीला चुनरिया हो-2
शीतला का रूप धरके करे जग कल्याण हो मंदिर वा में देवी जी के होला जयकार हो – 2
जब मईया पहिरेली लाली चुनरिया हो – 2
दुर्गा का रूप धरके करे उपकार हो – 2
मंदिरवा में देवी जी के होला जय जयकार हो-2
जब मईया पहिरेली गुलाबी चुनरिया हो-2
लक्ष्मी के रूप धरके करे धन दानहो।मंदिरवा में देवी जी के होला जय जय कार हो।-2
जब मईया पहिरेली श्वेत चुनरिया हो। – 2
सरस्वती का रूप धरके करे विद्या दान हो-2
जब मईया पहिरेली काली चुनरिया हो। – 2
काली का रूप धरके करे दुष्ट संघार हो – 2
मंदिरवा में देवी जी के होला जय जयकार हो-2
क्षमा चाहूंगी ये काली माँ काला कपड़ा पहनती हैं पर किसी सेवक के भक्ति से प्रसन्न होकर लाल चुनरी धारण कर ली थी उपकार करने के लिए लेकिन लोगों को ये सौम्य रूप पसंद नहीं आया और काली चुनरी पहनने पर मजबूर कर दिया और माँ को दुष्टों का संघार करने पर विवश कर दिया इसलिए मूर्ति और चुनरी का हठ योग के द्वारा तहस नहस कर दिया।
जैसी करनी वैसी भरनी।
अपनी नईया पार उतरनी।
ये गीत मेरे माँ द्वारा गाया गया है इसलिए भोजपुरी शब्दों का टोन लिए हुए है।
कुछ भोजपुरी शब्दों का अर्थ
इसमें धरेली शब्द का अर्थ है रूप बदलना।
पहिरेली का अर्थ है वस्त्र बदलना यानी पहनना।
खुलेला का अर्थ ओपन होना।
किवाड़ का अर्थ दरवाजा फाटक से है।
होला का अर्थ जयकार लगाना होता है।
पाठकों से उम्मीद करती हूं कि शब्दों के अर्थ से इस गीत को समझ पायेंगे।
ये गीत कैसा लगा? अवश्य बताऐं।
रजनी सिंह
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