देख तिरंगा अपना सर गर्व से ऊँचा हो जाता है।
जन-गण-मन की धुन सुनकर सब सम्मान में उठ खड़ा हो जाता है।
शूर-वीरों ने अपना प्राण दिया उनके सम्मान में सर अपने आप झुक जाता है।
समझा सबकुछ देश को ही अजादी चाहने वालों ने अपनी जान और स्वार्थ की परवाह नहीं की थी।
पर आज देश की हालत देख मन मेरा रोता है।
आज देश के कितने लोगों को बस अपना स्वार्थ ही भाता है।
कोई छप्पन भोग करे तो कोई रोटी को तरस जाता है।
जाति-धर्म को लेकरके बस अपने स्वार्थ के लिए नारा लग जाता है।
नहीं याद उनको की अजादी दिलाने वाले शूर-वीर हर धर्म के सपूतों ने अपना जान गंवाया था।
कम से कम उनके सम्मान में जाति-धर्म को लेकर देश के टुकड़े ना करते।
जाति धर्म से पहले सब अपने देश को ऊपर ही रखते।
उसी को देश का नायक चुनते जो देश की उन्नति कर उसको शिखर पर ले जाते।
रजनी अजित सिंह 14.8.18
15अगस्त के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं।
🇮🇳🇮🇳जय हिंद, जय भारत। 🇮🇳🇮🇳
3 विचार “15अगस्त&rdquo पर;
टिप्पणियाँ बंद कर दी गयी है।
Happy independence day Rajni ji !
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Aapko bhi. Bahut dino bad dikhe 😊
पसंद करेंपसंद करें
Haan bas yunhi blog pe aaya tha, to aapki kavita padhi
पसंद करेंपसंद करें