न बाते बडी़ कीजिए, न स्वागत छप्पन व्यंजनों के भरे थालों से कीजिए।
चार दिन की जिंदगी है बस प्यार से मिल लिया कीजिए।
तेरे आने से हम परेशान होंगे न ऐसा सोचा कीजिए।
और न मेरे आने पर छप्पन भोग की तलाश में हैरान हो घर में होकर भी न होने का संदेश भेजवाया कीजिए।
कोई लाख सताये जाने या अनजाने में बस हँसकर खुशी से मिलने की अदा निभाया कीजिए।
रुठे अगर हम तो साथ दे सबको समझाकर मना लिया कीजिए।
न झूठा वादा कर हर दिन हम सबको न भूल जाया कीजिए।
यदि वादा किया है तो कुछ फुरसत के पल निकालकर हम सबसे मिलने की दुंआ कर तक्लुफ उठाया कीजिए।
रजनी अजीत सिंह 3.6.2019
#वादा
2 विचार “बस मिला कीजिए&rdquo पर;
टिप्पणियाँ बंद कर दी गयी है।
क्या खूब कहा है। सच्चाई बयान कर दी आज की। प्रेम से बड़ा कुछ भी नही और दिखावे से बुरा।
न बाते बडी़ कीजिए, न स्वागत छप्पन व्यंजनों के भरे थालों से कीजिए।
चार दिन की जिंदगी है बस प्यार से मिल लिया कीजिए।
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😊😊
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