देखो दोस्तों तेरी याद आ गई।
ग्रुप के लिए कुछ लिखूं ये हमदर्द लेखनी को याद आ गई।
हम तो बैठे थे यादों के हंसीन सपनों में खोने।
तुम लोगों से मिलना हुआ तो शुभ रात्रि के बहाने कुछ शब्दों से खेलने की बात याद आ गई।
शुभ रात्रि
रजनी अजीत सिंह 20.5.2019
देखो दोस्तों तेरी याद आ गई।
ग्रुप के लिए कुछ लिखूं ये हमदर्द लेखनी को याद आ गई।
हम तो बैठे थे यादों के हंसीन सपनों में खोने।
तुम लोगों से मिलना हुआ तो शुभ रात्रि के बहाने कुछ शब्दों से खेलने की बात याद आ गई।
शुभ रात्रि
रजनी अजीत सिंह 20.5.2019