कुछ अपने एहसास

कांटो में गुलाब मुस्कुराता है।
कीचड़ में कमल खिलता है।
नफरतों में भी जहाँ प्यार हो,
प्रेम फूल वहाँ ही उपजता है।
जिसकी सुगंध कस्तूरी सा है,
ढूंढने से नहीं मिलता है,
वह तो अपने एहसास में है।
जो एहसास करने मात्र से ही
सुगंध बन जिंदगी की बगिया में,
खुश्बू बन हर दिलों में बस जाता है।

रजनी अजीत सिंह 16.2.2019

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