आज के ही दिन तुम आये इस जहाँ में,
जब आये धरा पर तब मालूम न था,तुमको बनाया गया है मेरे लिए।
दिन बीते, बीते महीने और साल,
फिर वो दिन आया ईश्वर ने एक दूजे से मिलवाया।
कुछ दिन बीते अजनबियों से फिर एक दिन करीब हम आये थे।
साथ में जीना साथ में मरना ऐसी ही जाने कितनी कसमें खाये थे।
ऐसे साथ निभाना साथी हाथ कभी न छुड़ाना साथी,
हो मुश्किल कोई भी हाथ मेरा थामे रखना साथी।
हो राह कैसी भी साथ तुम चलते रहना,
मैं माँगती नहीं कुछ भी तुमसे, अब तक जैसे थे वैसे रहना,
बस ऐसे ही प्यार मुझे तुम करते रहना।
मेरी हर बात पर सलाह मुझे तुम देते रहना,
यही गुजारिश तुमसे साथ मेरा तुम अंतिम क्षण तक देते रहना।
शब्द उपहार – बेटा आशुतोष तिवारी प्रसिद्ध
सहयोगी – रजनी अजीत सिंह 21.11.2018
#जन्मदिन
#प्यार