हिंदी दिवस

न पोयम बनाती हूँ न स्टोरी सुनाती हूँ,
आज हिंदी दिवस पर थोड़ी सी कविता बनाती हूँ और कहानी सुनाती हूँ।
न अंग्रेज हूँ कि अंग्रेजी है मुझे आती, न फ्रांस की रहने वाली की फ्रेंच है आती।
हम हिन्दुस्तानी ठहरे अच्छे से हिन्दी लिख, पढ़ और बोल लेते हैं।
आजकल हिन्दुस्तान भी इंग्लिश बोलने के खातिर मशहूर है होता।
कोई इंग्लिश को अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता। मैं ठहरी हिन्दुस्तानी हिन्दी को माँ बना लेती।
अंग्रेजों की हुकूमत अंग्रेजी भाषा बोलने सीखाना था।
मगर मुझे हिन्दुस्तान में हिन्दी मशहूर हो कैसे ये सिखना सिखाना है।
मेरे हिन्दुस्तान की गलियों गलियों में तमन्ना है हिन्दी बने सबकी मातृ भाषा।
मगर भारतीय तो ऐसे हैं जो इंग्लिश बोलना सिखता सिखाता है।
सजा कितनी बड़ी मिली गांव शहर से बाहर निकलने की।
मेरी माँ हिन्दी सिखाती थी अब मैं बच्चों से इंग्लिश पढ़ती और सिखती सिखाती हूँ।
हिन्दी दिवस पर चन्द घंटों के खातिर इंग्लिश पर हिन्दी भारी है पड़ती।
मैं तो देखती हर रोज भारतीयों को अपनी संस्कृति और खाना भी नहीं भाता।
भारतीय अपने बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति और पीजा, वर्गर और चाइनीज खाना खाने है सिखाता।
बस इतना सी इल्तिजा है हिंदुस्तानी लोगों से की हिन्दुस्तान से मुझे इंग्लिशतान न करना।
हर हिन्दुस्तानी को गर्व से हिन्दुस्तानी होने का पाठ पढ़ाती हूँ।
रजनी अजीत सिंह 14.9.18

12 विचार “हिंदी दिवस&rdquo पर;

  1. सुन्दर रचना है आपकी “हिंदी दिवस’ पर ! एक निवेदन है ! कृपया एक बार अपने Post का पुनः अवलोकन कर उसमे आई छोटी मोटी गलतियां सुधार् लेवें ! मैं स्वयं Internet और Blogging में अनुभवी नहीं हूँ इसलिये ऐसी त्रुटियाँ मुझसे रहती हैं , विशेष कर जब computer अपने मन से कोई शब्द चुन लेता है | अर्थ तो समझ आजाता है पर चूँकि ये “हिंदी दिवस” पर पोस्ट है इसलिए यही मन हुवा अनुरोध करूँ की इसमें ‘हिन्दी’ भाषा की गलतियां ना हों ! मैं यह टिप्पणी यहाँ नहीं लिखकर आपको सीधे प्रेषित करना चाहता था , पर मै नहीं जानता की यह कैसे किया जाता है !

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    1. धन्यवाद आपका पढने और सराहने के लिए। जी लग रहा है आप फ्रांस और फ्रेंच शब्दों को लेकर कह रहे हैं मैं सुधार कर ली। कुछ और गल्ती हो तो अवश्य बतायें आपकी मेहरबानी होगी और हमें खुशी भी होगी कि हमारे पोस्ट को इतना ध्यान से पढ़ते हैं।

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  2. चढ़ गया है हम पर गौरों का रंग
    भुल गए है हम अपनी मातृभाषा को
    हिंदी तुम चुप चाप ही रहना कोने में
    अगर सामने आईं तो लोग हस हस कर मजाक बनाएँगे तेरा
    सब को अंग्रेजी ही अच्छी लगती है
    तिरस्कृत हुईं है हिंदी
    अपने ही घर में हारी है हिंदी
    औरों से क्या जीतेगीं हिंदी

    राष्ट्रभाषा-दिवस की आपको बधाई ।

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