#बिल्ली_मौसी #yqdidi #yqbaba
#बालसाहित्य
नमस्ते।
हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है।
बड़े बड़े लेखकों जैसे मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना इत्यादि ने प्रचुर मात्रा में बाल साहित्य की रचना की।
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं।
सम्भवतः यौरकोट परिवार में भी ऐसे लेखक बहुतायत में होंगे जो बाल साहित्य में रुचि रखते हैं। न भी हो तो भी बतौर लेखक इस तरफ़ क़दम बढ़ाया जा सकता है। रचनाशीलता में विविधता हमारी लेखनी के लिए अतिआवश्यक है।
शुभकामनाएँ। #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
बिल्ली मौसी कुछ कहना चाहती हैं।
अपने बच्चों को सात घर घुमाना चाहती हैं।
घूमा घूमा के सात घर अपने बच्चों को भी
अपनी तरह घर घर की बिल्ली मौसी बनाना चाहती हैं।
जैसे तरु पर पक्षी चहचहाते हैं, वैसे ही अपने म्याउं म्याउं की अवाज से रिझाना चाहती हैं।
कुछ अनहोनी होने वाला है तो रास्ता काट वो बताना चाहती हैं।
जब कुछ अनहोनी हो जाता है तो रो रो सूचना देना चाहती हैं।
घर घर की मौसी हैं तभी तो बाल काव्य और मुहावरा में जगह पा चुकी हैं और आगे ज्यादा जगह पाना चाहती हैं।
सौ चूहे खाकर बिल्ली मौंसी हज को चली, इससे भी कुछ सीखाना चाहती हैं।
समाज में अपना पेट भरना है तो आँख बंद कर दूध मलाई खाओ आँख बंद कर लेने से कोई देखेगा नहीं इस भ़म में वो जीना चाहती हैं।
और न जाने कितने मुहावरा है इन पर आप सुनाना चाहती हैं क्या आप बिल्ली मौसी को जानना चाहोगे तो ये अपने नाम से जुड़े हर किस्सा कहानी सुनाना चाहती हैं।
रजनी अजीत सिंह 25.3.18
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Hahaa..
Wah wah
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Dhanybad aapka jo aapne padha or saraha.
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