बाहों के घेरे में सिमट रहे हैं तेरे प्यार में हम तुम अकेले में।
दुनियां के मेले में सबको भुलाये बैठे बस तेरे चाहत में हम गुनगुनाने लगे अकेले में।
आज से फिर हम संवरने लगे तेरे नैनो के दर्पण में हम खुद को ही अच्छे लगने लगे अकेले में।
सूरज की किरणों सी बन रहे हमारा प्यार सदियों सदियों तक और एक-दूसरे पर जिंदगी वार दे सबकुछ निसार दे अकेले में।
रजनी अजीत सिंह 28.2.18
#बांहों
#प्यार्
#दर्पण
#yqbaba
#yqdidi
Follow my writings on https://www.yourquote.in/rajnisingh #yourquote
आज से फिर हम संवरने लगे तेरे नैनो के दर्पण में हम खुद को ही अच्छे लगने लगे अकेले में।….waah khubsurat panktiyan.
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यवाद आपका जो आपने पढ़ा और सराहा।
पसंद करेंपसंद करें