जिंदगी में माँ की यादें जाती नहीं। 

माँ आज फिर तुम्हारी याद आ रही है मैं सबको समझती रही और सबको खुश देखने के लिए अपनी खुशियों भरी जिंदगी की भी बाजी लगा दिया पर इस स्वार्थी जहां में इसका कोई कीमत नहीं। माँ तुम कहती थी उस जगह पर जाओगी तो समझोगी बिल्कुल सही कहा था आपने आप आठ बच्चों के रहते हुए भी अकेलापन महसूस किया आज मेरे कदमों सब खुशी है फिर भी तेरी “रात” को अकेला पन काटने को दौड़ता है जबकि मैं भी बच्चों की मां और भरा पूरा परिवार है पर तेरी रजनी तेरे बिना खुश नहीं हैं सुन रही हो तुम। तुम रहती तो समझ जाती पर अब कोई नहीं समझता तेरी बेटी की खुशी को सब मतलबी है।
सिर्फ आपकी रजनी 30.1.18
#माँ,
#बेटी_हूँ_मैं
#महसूस

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4 विचार “जिंदगी में माँ की यादें जाती नहीं। &rdquo पर;

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