जिंदगी की यादें पुराने गीत, गानों, तस्वीरों और कविताओं की कहानी अपने जमाने की भाग 7(30. 5.17)

जिंदगी की यादें कभी गीतों में आता है। 

कभी ख्वाबों में आता है,कभी गानों में आता है। 

कभी तस्वीर बन ख्वबो-ख्यालो में आता है। 

कभी लेखनी जरिये से कहानी बन आता है। 

 कभी नैनो में जल छाये कभी जीवन में खुशी बन आता है। 

              रजनी सिंह 

               कुछ कहो ना

कुछ तुम कहो ना कुछ हम कहें ना। 

जिंदगी की यादें बन जाए। 

गीतों से कहानी सज जाए। 

गानों से काव्य कुछ बन जाए। 

सुबहोशाम , दिन रात कुछ हम लिखकर कह जाएं।   

कुछ सुने कुछ सुनाए। 

जिंदगी की याद सुहानी हो जाये। 

कुछ तस्वीर पुरानी लग जाए। 

कुछ याद पुरानी आ जाए। 

कुछ माँ की कहानी लिख जाय। 

कुछ वेद पुरान की  चर्चा हो जाए।

इस चर्चा से जीवन मधुवन बन जाए। 

इस चर्चा से खुशियां ही खुशियाँ जीवन में छा जाए। 

              रजनी सिंह 

मैंने सोचा मदर्स डे पर तो सभी माँ की महिमा का गुणगान करता है। मैं  माँ के महिमा का बखान इस गाने के माध्यम से कर लूँ। 

                       माँ 

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ——————–। 

मुझे माँ की जरूरत है – 2 रब को मैं क्या जानूँ कभी देखी ना सूरत है। 

माँ जिस बेटे के साथ ओ किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ——————–।

कोई ऐसी दुआ दे दे ले ले मेरा सबकुछ बदले में माँ दे दे-2

माँ जिस बेटे के साथ ओ किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ ओ किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ——————-।

ममता की छांव में – 2 मेरी तो जन्नत है मेरी माँ के पावों में। 

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ—————–।

बड़े प्यार से पाला है जब भी लगी ठोकर मुझे माँ ने सम्हाल है। 

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

होओ हो ओ—————–। 

इक बात बतानी है गंगाजल जैसा माँ के आँख का पानी है। 

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ——————।

दिल माँ का दिखाना ना – 2 माँ रूठे जिनसे कभी मिलता ठिकाना ना – 2

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है। 

जिसके सिर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है। 

हो ओ हो ओ——————। 

कहता है विमल सबसे – 2 माँ की करो पूजा ये माँ है बडी़ रब से – 2

माँ जिस बेटे के साथ वो किस्मत वाला है। 

जिसके सर माँ का हाथ वो किस्मत वाला है।

         जिंदगी अथाह


जिंदगी अथाह है इसका थाह पाना मुश्किल है। 

सागर से भी गहरा है जिन्दगी, शब्द रूपी मोती निकाल ब्यां तो कर सकते हैं पर थाह पाना मुश्किल है। 

कभी अमृत बन जाती है कभी विष बन सामने आती है। कभी हकीकत बन जाती है कभी कल्पना में सैर कराती है।  क्योंकि ये जिंदगी है इसका थाह पाना मुश्किल है। 

कभी अपने ब्लाग पर लिखा था आज चार लाइन दोबारा दोहराती हूँ_

जिंदगी न बनाने से बनती है। 

 न जिंदगी जीने का ढंग विधाता की देन होती है। 

जिंदगी अपना निर्माण किए कर्म अर्थात पाप पुण्य से करती है।

यहां मैं ये कहना चाहती हूँ हर इंसान का सोच अलग है, अपना-अपना देखने का नजरिया अलग है।  अब नजरिया अलग है तो इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरे पक्ष या पहले पक्ष का सोच गलत है। 

इसको मैं भाग आठ में अपने ब्लॉग के रोहित जी का लिखा कविता को लिखकर और उसी कविता को बदलकर अपना सोच और विचार भरूगीं। आप देखिएगा दोनों के विचार अलग होते हुए भी कितना समानता है। 

कृपया इस समानता और मेरी कहानी को आगे पढ़ना न भूलें और बताएं कि असमानता होते हुए भी समानता के कितने निकट है। 

            रजनी सिंह 

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