नवरात्रि के विशेष अवसर पर शक्ति तत्व का वर्णन करती हूँ।
शक्ति से सृष्टि, शक्ति ही प्राण,
शक्ति से धर्म – कर्म कल्याण।
शक्ति से भक्ति, शक्ति से ज्ञान,
शक्ति ही सत्य सिंधु भगवान्।।
शक्ति ही नभ सागर – संसार,
शक्ति अग-जग, जप-तप आधार।
शक्ति से ब्रह्मा – विष्णु – महेश,
शक्ति ही धरा धरे सिर शेष।।
शक्ति ही सौर्यशक्ति ही सूर,
शक्ति ही करती है भय दूर।
शक्ति ही शंकर के कर का शूल,
शक्ति जननी जीवन – सुख – मूल।।
शक्ति हरि हाथ सुदर्शन – चक्र,
शक्ति से शासन करते शक़।
शक्ति ही रमा – उमा का रूप,
महामाया योगिनी अनूप।।
महालक्ष्मी, भैरवी, विशाल,
शक्ति ही प्रलय – भयंकर काल।
शक्ति है चाँद सूर्य की ज्योति,
शक्ति सागर सरिता जल रेति।।
शक्ति ही वायु – अन्न – जल-वस्त्र,
शक्ति ही सुधा, हलाहल अस्त्र।
शक्ति में जीवन का अमरत्व,
शक्ति में छुपा शक्ति का तत्व ।।
Bhakti bhaw se purn hai…
पसंद करेंLiked by 2 लोग
धन्यवाद आपका।
पसंद करेंपसंद करें
सच है शक्ति ही सब कुछ है।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यबाद ।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
जय माता दी
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
जय माता दी।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
behtreen
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यबाद
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Jai mata di ——–great
पसंद करेंपसंद करें
जय माता दी। धन्यबाद।
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति