शक्ति – तत्व 

नवरात्रि के विशेष अवसर पर शक्ति तत्व का वर्णन करती हूँ। 

शक्ति से सृष्टि, शक्ति ही प्राण, 

शक्ति से धर्म – कर्म कल्याण। 

शक्ति से भक्ति, शक्ति से ज्ञान, 

शक्ति ही सत्य सिंधु भगवान्।। 

शक्ति ही नभ सागर – संसार, 

शक्ति अग-जग, जप-तप आधार।  

शक्ति से ब्रह्मा – विष्णु – महेश, 

शक्ति ही धरा धरे सिर शेष।। 

शक्ति ही सौर्यशक्ति ही सूर, 

शक्ति ही करती है भय दूर। 

शक्ति ही शंकर के कर का शूल, 

शक्ति जननी जीवन – सुख – मूल।। 

शक्ति हरि हाथ सुदर्शन – चक्र, 

शक्ति से शासन करते शक़। 

शक्ति ही रमा – उमा का रूप, 

महामाया योगिनी अनूप।। 

महालक्ष्मी, भैरवी, विशाल, 

शक्ति ही प्रलय – भयंकर काल। 

शक्ति है चाँद सूर्य की ज्योति, 

शक्ति सागर सरिता जल रेति।। 

शक्ति ही वायु – अन्न – जल-वस्त्र, 

शक्ति ही सुधा, हलाहल अस्त्र। 

शक्ति में जीवन का अमरत्व, 

शक्ति में छुपा शक्ति का तत्व ।। 

          

         

10 विचार “      शक्ति – तत्व &rdquo पर;

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