जिंदगी में मन लगाना हो तो वर्डप्रेस जरूरी है।
साथ निभाना हो तो जीवन साथी जरूरी है।
वंश चलाना हो तो बेटा – बेटी जरूरी है।
सकून और चैन पाना हो तो भगवान् में श्रद्धा और विश्वास जरूरी है।
दिल की बात कह बोझ हल्का करना हो तो सच्चा दोस्त जरूरी है।
रिस्ता निभाना हो तो रिश्ते में अटूट विश्वास का होना जरूरी है।
रिस्ता तोड़ना हो तो तो शक और नफरत का बीज बोना जरूरी है।
जिंदगी में खुश रहना है तो खुशी बांटना और सहयोगी होना जरूरी है।
रजनी सिंह
He..he. WordPress Zaruri hai, sahi kaha 🙂
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चलिए आपको सही लगा बहुत खुशी हुई। मैं तो सोची मेरे पुराने फालोवरस छूटते जा रहें हैं। पर अब अच्छा लगा।
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Very good
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Thank you.
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Pleasure
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माफ कीजिएगा दी आगे से ध्यान रखुंगा।
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मैं आपकी बात से सहमत हूँ दी पर हम वो बदनसीब हैं जिसे शायद यह भी सुकून नहीं आयेगा।
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आप इतने अच्छे होकर बुझी बातें क्यों करते हैं। एक बड़ी बहन के रहते भाई बदनसीब कैसे हो सकता है। देखिए मैं बहुत ही भावुक हूँ इसलिए भाव में भावनाओं से जुड़ जाती हूँ समझे। मेरे होते हुए कभी अपने को बदनसीब शब्द दोबारा यूज मत कीजिएगा।
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जानते हैं दी मैं भी कुछ आप जैसा ही हूँ। बहुत ही शीघ्र भावुक हो जाता हूँ। मैं भी आपकी ही तरह जब भावनाओं का ज्वार भाटा आता है तो डायरी और पेन लेकर बैठ जाता था और अब फोन लेकर WordPress में बैठ जाता हूँ।
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Sahi kahaa…
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धन्यवाद।
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