तेरा सहारा (11.7.17)

तर्ज – [आने से उसके आए बहार……] 

        

       भोले का भजन

कब से खड़े हैं झोली पसार, क्यों न सुनो मेरी पुकार, 

जग रखवाला है, मेरे भोले बाबा। 

तेरा ही सहारा है मेरे भोले बाबा।। 

देख लो लगी है, आज मंदिर में ये भीड़ भारी। 

दर्शनों की खातिर आए हैं, लाखों नर और नारी। 

आजा हे, त्रिपुरारी, दीनो ने पुकारा है, मेरे भोले बाबा। 

                  तेरा ही सहारा – – – – – – – – – ।

जिंदगी से हारे, गम जमाने का हम लेके आये। 

हाय रे इस जहाँ में, लोग अपने हुए हैं पराये। 

तेरे सिवा, दुनिया में, कोई न हमारा है, मेरे भोले बाबा। 

                तेरा ही सहारा है – – – – – – – – ।

रास्ता न सूझे, कहाँ जायें मुसीबत के मारे। 

आसरा है तेरा, दूर कर सारे संकट हमारे। 

सुनते हैं, तूने ही, लाखों उबारा है, मेरे भोले बाबा। 

               तेरा ही सहारा है – – – – – – – – ।

आ गये शरण में, बोझ पापों का सर पे उठाए। 

कर नजर दया की, भक्त जन तेरे गीत गाए। 

सेवा में, हमने तेरी, जिंदगी गुजारी है, मेरे भोले बाबा। 

                   तेरा ही सहारा है – – – – – – ।


27 विचार “      तेरा सहारा (11.7.17)&rdquo पर;

टिप्पणियाँ बंद कर दी गयी है।