भ़मित रहत मन चैन न पाए,
किस्मत रुलाये पर मन ना रो पाये।
कौन मेरा अपना जिसके लिए रोऊं।
संसार में सबका दाम लगा हुआ है।
जो जब चाहे कीमत देके ले जाता है।
पर न मुझे कीमत देने का न लेने का शौक ही नहीं।
जो प्यार से और शब्दों से न बाँधा जा सके।
बस स्वार्थ में प्यार से और शब्दों से बाँधे।
वैसे लोगों से और रिश्तों से मेरा कोई नाता नहीं।
न आज है न कल रहेगा न कभी होगा।
जिंदगी में बहुत कुछ मिलेगा और बहुत रिश्ता मिलेगा।
लेकिन मेरे जैसा प्यार देने वाला भ़मित पागल दोबारा नसीब न होगा।
(Confused ) भ़मित रजनी सिंह 😢
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अनकहा प्रेम
तू रोती जब मंजिल पाकर,मैं खोकर फिर रोता हूँ।
कुछ पाने की जिद थी तेरी
सफर बीच में छूट गया,
आँखों से सैलाब बहे पर,
तेरा दिल ना भीग सका,
तेरी दुनियाँ आसमान में, मैं धरती पर रहता हूँ,
तू रोती जब मंजिल पाकर,मैं खोकर फिर रोता हूँ।
आँखों में कई ख्वाब तुम्हारे,
मेरी आँखों में तुम थे,
तेरी मंजिल तुझे बुलाये,
मेरी मंजिल तो तुम थे,
तू भागी दिल साथ में भागा,तन्हां फिर भी हँसता हूँ,
तू रोती जब मंजिल पाकर,मैं खोकर फिर रोता हूँ।
खिली हुयी तेरी सूरत पर,
आज उदासी कैसी है,
कल तक सपने आँखों में थे,
आज बिरानी कैसी है,
बोल तुझे क्या गम है,जो भी पास मेरे मैं देता हूँ,
तू रोती क्यों मंजिल पाकर,मैं खोकर फिर रोता हूँ।
देर लगा दी तूने कितनी,
इतनी बात बताने में,
मैं थी पागल बोल सकी ना,
रोका ना तुम जाने में,
कहाँ है मंजिल कैसी दुनियाँ,बिन धागे की मोती हूँ,
मेरी दुनियाँ तुममे पगले, याद में तेरी रोती हूँ।
खुद को अब वो रोक ना पाये,
दो दिल साथ में गरज उठे,
एक डाल के बिछड़े पंक्षी,
एक दूजे में सिमट गए,
सावन की बरसात हुई आंसू से तन-मन धोता हूँ,
वो रोती बेजान लिपट,मैं जान को पाकर रोता हूँ।
!!!मधुसुदन!!!
आज मन उदास और परेशान है तभी मुझे मधुसूदन जी की कविता पढ़ने को मिल गयी। जिसे अपने ब्लॉग पर डालने से न रोक पायी।
👍👍👍👍
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आप दोनों की ही रचनाएं अद्भुत हैं।और वो तारीफ से अलग बस महसूस करने में पता चलती है।👍👍👍👍👍।और आप दीदी उदास नही मुस्कुराती हुई ही अच्छी हैं।😊😊😊😊
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आपकी भावनाओं का मैं बहुत क़द्र करता हूँ,आपके कविता के एक एक शब्द बोलते हैं।माँ आपको सारी खुशियां दे जो आपकी चाहत है।वैसे भी आपका घर परिवार की कहानी पढ़कर पता भी चला सभी अच्छे हैं।
जिंदगी गम का समंदर खुशियों की मोती चुन लेंगे,
काँटों भरी जिंदगी खुशबू से भर देंगे,
गमों का बादल आज है कल छट जाएगा,
चांदनी से शीतल धरती को कर देंगे।
सुक्रिया आपने मेरी कविता शेयर की।
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Lajwab ma’am…… 👌👌👌
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कुछ भाव केवल महसूस किया जाता है ये लाजवाब नहीं है वल्कि करुणा से भरी हुई है। पढ़ने के लिए धन्यवाद आपका।
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Ma’am shabdo ka chayan bht saandar tha.
Hmare ek bde ne likha h
आंसू आँख से निकले तो कायर,
गर् शब्द से निकले तो शायर!!
Y bt aap pr, hm shi shi baithti h…..
आपको सादर प्रणाम…. 🙏🙏
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Nhi ma’am… Aap ek bhadur kavitri h jo hm yuvao ko himmat aur markdarsan deti h.
Muskurate rhiye…. 🙏🙏
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