आँख बचाते हो

ये कविता भी कहीं का पढ़ा हुआ है। अच्छा लगे तो जरूर बताएं। 

                   (कविता) 

आँख बचाते हो तो क्या आते हो? 

काम हमारा विगड़ गया दिखा रूप जब कभी नया। 

कहाँ तुम्हारी महा दया? 

क्या – क्या समझाते हो? 

आँख बचाते हो। 

लीक छोड़कर कहाँ चलू? 

दाने के विना क्या तलू? 

फूला जब नहीं क्या फलूँ? 

क्या हाथ बटाते हो? 

आँख बचाते हो। 

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