तुम्हारे आँखों में डर कैसा?
जिंदगी तो जीते हो, पर जीने का हुनर कैसा?
होठों पर जब सच्चाई होती है,
तो इस पर खुशी की मुस्कुराहट होती है।
फिर तुम्हारे आँखों में डर कैसा?
जब चेहरे पर चिंता होती है,
तो माथे पर बल कैसा?
क्या तुम अपने माथे के बल का राज बताओगे?
प्यार जब होता है तकदीर से होता है।
तकदीर न अमीर होता है न गरीब होता है।
फिर तुम्हारे आँखों में डर कैसा?
प्यार एक एहसास है इसे लफ्जों से बंया नहीं करते।
ये तुम्हारा दिल नहीं है, जो जब चाहे लगा लिया।
और जब चाहे भुला दिया।
ये प्यार है तुम्हारा दिल नहीं।
प्यार जब हो ही गया तब पर्दा कैसा?
फिर तुम्हारे आँखों में डर कैसा?
रजनी सिंह
ye dil-lagi nahi hai “Ansari”
jo baar baar har baar kisi na kisi se hota hai
ye paak si pakiza “Mohabbat” hai
jo zindagi me kisi ek se sirf ek baar hota hai
#Md. Danish Ansari
apki kavita ke naam
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Beautiful lines 👍👍…. रोचक !!
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Thank you tumhara blog open nahi ho raha asa kyun.
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हमने कुछ नही किया ! सच्ची 🙏… शायद network problem
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बहुत खूब 👍👍👍👍👍 शानदार पोस्ट 💐
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Thank you.
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