ॐपुरी की कहानी सुनानी है जुबानी।
दुनिया में इनका आना अम्बाला हुआ।
पद्मश्री पुरस्कार विजेता थे।
दिल का दौरा पड़ने से अब दुनिया में रहे नहीं।
66साल के उम्र में ही निधन इनका हो गया।
इन्होंने शिक्षा पटियाला में पायी थी।
फिल्मों का सफर ‘घासीराम’ से शुरू हुई।
‘आक्रोश ‘फिल्म जब हीट हुई।
कैरियर इनकी भी फीट हुई।
इस प्यार को क्या नाम दूं
चुपके – चुपके सब सेट हुआ।
इनके जाने से दीवाने पागल हुए।
“क्यों हो गया न”दुख इतना।
काश आप हमारे बीच होते।
“तेरे प्यार की कसम “खाकरके।
रजनी श्रद्धा सुमन चढाती है।
इस धरती की मिट्टी कहती है।
ओमपुरी जी आपको
सलाम।
रजनी सिंह
नमन 💐
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